काव्यामृत
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पति-पत्नी सा पावन नाता, हुआ-विश्व में धूमिल आज।
वीर(आल्हा छंद) ————————- #मेरठ हत्या काण्ड ————————- 1- पति-पत्नी सा पावन नाता, हुआ-विश्व में धूमिल आज। मार-दिया पत्नी ने पति…
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रंग-बिरंगे रंग बरसते, धूम-मची है होली की।
होली गीत ———————— रंग-बिरंगे रंग बरसते, धूम-मची है होली की। रंग-भरी रंगोली की।। 1- खेल-रहे होली नर-नारी। लेकर के-करमें पिचकारी।।…
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जली-होलिका आग में, क्षीण-हुआ वरदान।
दोहा छंदाधारित मुक्तक ——————— 1- जली-होलिका आग में, क्षीण-हुआ वरदान। शक्ति-सबल है धर्म की, जाने सकल-जहान।। अंत-अटल है दैत्य का,…
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कलमकार को गोली मारी, सीतापुर-में देखो आज
वीर(आल्हा छंद) ————————- 1- कलमकार को गोली मारी, सीतापुर-में देखो आज। ख़बर-प्रकाशित होने से थे, भ्रष्टाचारी अति-नाराज।। प्राण-गये गोली लगने…
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चंचरीक/चंचरी/ हरिप्रिया/चर्चरी छंद
चंचरीक/चंचरी/ हरिप्रिया/चर्चरी छंद —————————————– नारी-का देख हाल,सूख-रही धैर्य डाल, मारो-रावण विशाल,माता कंकाली। होकर-क्रोधित अपार,हाथों में तेग-धार, वेग हरो भूमि-भार,मात सिंह-वाली।।…
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छप्पय छंद
छप्पय छंद ——————– 1- मिले-रंग से रंग, प्रेम-की बदली छायी। खिले-फूल से अंग, बसंती-होली आयी।। प्रभुपग रंग-गुलाल, सखों-की टोली लायी।…
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समाधान दिवस: जिलाधिकारी महोबा की पहल से फरियादियों को त्वरित न्याय, शासन-प्रशासन की सक्रियता सराहनीय
समाधान दिवस: जिलाधिकारी महोबा की पहल से फरियादियों को त्वरित न्याय, शासन-प्रशासन की सक्रियता सराहनीय महोबा, 15 फरवरी 2025 –…
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महोबा जनपद में आज, 15 फरवरी 2025 को, पुलिस अधीक्षक श्री पलाश बंसल के निर्देशन में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत विभिन्न थानाक्षेत्रों में तैनात ग्राम प्रहरियों (चौकीदारों) को निःशुल्क साइकिलें वितरित की गईं। पुलिस लाइन महोबा में आयोजित इस कार्यक्रम में 47 ग्राम चौकीदारों को साइकिल प्रदान की गई, जिससे उनके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई।
महोबा जनपद में आज, 15 फरवरी 2025 को, पुलिस अधीक्षक श्री पलाश बंसल के निर्देशन में एक महत्वपूर्ण पहल के…
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सरसी/कबीर/ समुन्दर छंदधारित गीत
सरसी/कबीर/ समुन्दर छंदधारित गीत ———————– बँधा-भ्रष्टता की बेड़ी में, पावन-भारत देश। नहीं-जानिये मित्रो मिथ्या, प्रभुपग-का संदेश।। 1- गाँव-गाँव में बेच-रहे…
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विधाता छंदाधारित राष्ट्र-गीत
विधाता छंदाधारित राष्ट्र-गीत ——————– 1222 1222, 1222 1222 ——————— शुचित है हिन्द-की मिट्टी, किशन ने प्रेम-से खायी। इधर है नीर-गंगा…
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