स्लीपर बसों से अवैध रूप से ढोया जा रहा है सामान
महोबा पनवाड़ी
कस्बा पनवाड़ी से होकर करीब एक दर्जन अधिक स्लीपर बसों का संचालन अन्य प्रदेशों के लिए हो रहा है। मानकों को ताक पर रखकर हो रहे स्लीपर बसों के संचालन में मनमाना किराया वसूला जाता है। साथ ही अन्य प्रदेशों से अवैध रूप से सामान लादकर लाए जाने से राजस्व को भी चूना लगाया जाता है। प्रतिदिन इन बसों के संचालन के बाद भी जिम्मेदार मूकदर्शक बने बैठे हैं। जिम्मेदारों के इन बसों की ओर आंख मूंदकर बैठे होने से चर्चाओं का भी बाजार गर्म है।
कस्बा पनवाड़ी से होकर प्रतिदिन करीब एक दर्जन स्लीपर बसों का संचालन दिल्ली, जयपुर, अजमेर, गुरूग्राम, मध्यप्रदेश, आदि स्थानों के लिए होता है। इन बसों का प्रारंभिक स्टैंड से छूटने और अपने गंतव्य तक पहुंचने के बीच कोई स्टैंड नहीं होना चाहिए। इसके बाद भी यह बसें जगह जगह सवारियों को उतारती और बैठाती हैं। त्योहार के पहले और बाद इन बसों का किराया भी इनके संचालक मनमाने ढंग से बढ़ा देते हैं। मजे की बात यह है मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने की कोई संचालकों से शिकायत करता है तो वह अपने को किसी न किसी का खास बताकर रौब झाड़ते हैं। मजबूरी में यात्रियों को अधिक किराया देकर यात्रा करनी पड़ती है। इतना ही नहीं दिल्ली से आने वाली इन स्लीपर बसों में व्यापार के लिए सामान लादकर लाया जाता है। सूत्र बताते हैं कि इन बसों का उपयोग भाडा ढोने के रूप में नहीं किया जा सकता है। इसके बाद भी बसों में अंदर से बाहर तक सामान भरकर लाया जाता है। जिससे सरकारी राजस्व की भी क्षति होती है। प्रतिदिन हो रहे इन बसों के संचालन के बाद भी जिम्मेदार कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। जिसके चलते बेखौफ होकर इन बसों का संचालन हो रहा है। ऐसे में लोगों के बीच तमाम तरह की चर्चाएं होना स्वभाविक है। वहीं कुछ माह पूर्व एआरटीओ के द्वारा विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया था मगर कोई खास कार्यवाही नहीं हुई।